Tuesday, July 18, 2017

खूबसूरत जिंदगी






                अब खिड़कियों से झांकती है
                धूप हवा रोशनी को तरसती  है ..
                अंदर शोर बहुत हैं..बाहर लफ्ज़ खोजती हैं..
                शीशे की बिल्डिंग में बंद है खूबसूरत जिंदगी!

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चांद का चक्कर !

ये जो तारे ठिठुऱते रहे ठण्ड में रात भर !   ये    सब चांद का चक्कर है !   ये जो आवारा बदल तलाशते रहे घर !   ये   सब...