बुलबुले शोर मचा रहे है बाल्टी में
खिड़किया खोल दी गई बंद पड़े कमरे की
रंगीन कपडे कतार से नहाने की तैयारी में है
आलसी आइना चुपचाप लेटा है
जूते चप्पल गहरी नींद में हैं
आज ताजी हवा की सांस ली है अलमारी ने
धुले कपड़ों की खुशबू मुआयना कर रही है
घर के कोने कोने का
आलू तैयार है पराठे की फॉर्म में आने के लिए
खिड़किया खोल दी गई बंद पड़े कमरे की
रंगीन कपडे कतार से नहाने की तैयारी में है
आलसी आइना चुपचाप लेटा है
जूते चप्पल गहरी नींद में हैं
आज ताजी हवा की सांस ली है अलमारी ने
धुले कपड़ों की खुशबू मुआयना कर रही है
घर के कोने कोने का
आलू तैयार है पराठे की फॉर्म में आने के लिए
चाय ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया उबल कर
औसत दिनों की बजाय सुकून से हूं मैं ,कि आज वीकेंड है
घर पे रहने का दिन है, कि आज मेरा अपना दिन है !