मेरे कुछ सवाल है "आप सब " से
बस अब लफ्जो की शक्ल अख़्तियार गए है!नहीं मालूम कितने बेहतर है आप लोगो के तौर तरीके?
ये भी नहीं पता कितना लायक हूं आप लोगो की बनाई दुनिया के लिए
बस आप बता दे, अगर कम नंबर आते है स्कूल में मेरे ?
कैसे मेरी किस्मत का फ़ैसला कर लेते है आप?कैसे? कैसे चंद नंबर बता देते है आपको कि
मेरे आने वाले कल में कुछ भी नहीं मेरे लिए?
क्या सही होगा मेरे लिए?
हो सकता है नहीं बनना डॉक्टर मुझे ?
ये भी मुमकिन है कि घर पर रोटियां बेलना पसंद हो मुझे!
फिर आप लोग कैसे तय कर लेते है क्या बेहतर होगा मेरे लिए?
कैसे रोक लेंगे मेरी आने वाली तकलीफ को ?
कैसे? कैसे सलामत रख लगे मेरे कल में मुझे?
कैसे मान लूं आपके लगाए सारे कयास सही है मेरे लिए?
कैसे? कैसे सिर्फ मेरा लिबास देख कर जान जाते है आप क्या है अंदर मेरे?
मेरी शख़्सियत,मेरे ख्याल, मेरे ख़्वाब! क्या चाहता हूं मैं ज़िंदगी से?
कैसे फ़ैसला कर सकते है आप मेरे लिए?
खुदा के वास्ते, गनीमत होगाअच्छे बंदे ही बने!
क्योकि खुदा बेहतर जनता है,
अपने बनाए बंदे की हिफ़ाजत करना
अक़ल भी देता सबको, बस वक्त के हाथों में होता है तराशना
चाहे कुछ भी हो, कैसे है मुझे बुरे वक़्त से लड़ना ?
ग़र नहीं मुमकिन आपके लिए किसी की मदद का जरिया बनना
तो कोई हक़ भी नहीं बनता आपका
खुदा की बनाई कारीगरी की बेइज्ज़ती करना!