Sunday, August 25, 2013

जूनून

तू ही इश्क तू जूनून मेरा
तू ही मेरे जीने की वज़ह है
रुलाने के लिए तो बहुत कुछ है
इस दुनिया मे…
पर तू तो मेरे हंसने की वजह है
जब वो सारी दलीलें देकर चुप हो जाएगा
तब मैं बोलना शुरू करूंगा
गर उसे लगती मेरी चुप्पी बे वजह है!
पा तो तुझे लुगा,खुद को खो कर भी
बस,आजकल ख़फ़ा मुझसे मेरा खुदा है!
ज़रा थम सा गया हूं मैं,पर भूलुंगा नही तुझे
तू तो मेरी रग रग में बहता नशा है!
अभी रात की तरह खामोश हूँ मैं
सहर होते ही चल दूंगा..
फिर न रुकुंगा,फिर न थमूंगा
यही शायद उसकी भी रज़ा है!


Wednesday, August 14, 2013

Tum aati Ho

Jab main shaam ko chhat par akele baitha huin,Tum chupke se aakar baith jati ho pass mere
Gungunati ho chand lafz or bhar deti ho ujala mere gahan man mein...
Jab main Kuch pal ke liye alag hota hauin apne kaam se..khud ko rubruh pata huin tumse
Tum aakar dheeme se muskurati ho, Bikhre saman ko rakhti ho uski jagha
khidki se parde htati ho, udel deti ho roshni mujh par..
or jab kbhi zra sa bhi laparwah hota huin khud se, to tum aati ho..
Aankhe dikhati ho, jaise bta rhi ho tum kitna gussa ho mujhse..
Tum janti nhi, tum pak ruuh ho, jo saath lati hai niyamaat sukun ke..
Tum hwa ke jhoke ke tarha ho, jo khamoshi mein halchal macha deti ho..
or tumhre chale jane k baad ahsaas hota hain tumhare na hone ka..







Friday, August 9, 2013

Intzaar




Mujhe Intzaar hai us din ka, jab hum milege khi
shi-galat se uth kar, rasmo-riwazo ko tod kar..
Ache-bure ke dhaage khol kar....!!!
Jab kuch bolna-sunna baki na hoga..
Jab milna bichdrna baki na hoga..
Hum milege kuch aise...
K phir alag hona na hoga..
 Phir na mere baad koi hoga..  
Na tumhre baad koi hoga!!!
Hum milege kuch aise phit alag hona na hoga !!!



Thursday, August 8, 2013

To Santa


इस बार जब तुम आओ तो मेरी लिस्ट का सारा  सामान लेते आना
तुम मेरे लिए मुट्ठी भर यकीं लेते आना.
ताकि मैं हमेशा यकीं कायम रहे
कहीं दूर आकाश में सफ़ेद कपड़ों वाले फ़रिश्ते है
और नेक रूह को कभी अकेला नहीं रहने देते :)

इस बार जब तुम आओ तो मेरी लिस्ट का सारा  सामान लेते आना
मेरे लिए जादुई पेंसिल लेते आना
ताकि जो मैं लिखू यहा,समझ जाओ तुम वहा
तुम्ही तो हो जो सब समझते हो.
यहाँ के लोगो  पास तो वक्त ही नहीं सुनने समझने का

इस बार जब तुम आओ तो मेरी लिस्ट का सारा  सामान लेते आना
तुम मेरे लिए मासुमियत लेते आना
ताकि मेरे मरने तक भी
रहे मेरी आँखों में चमक
इस भरोसे साथ की..
दूर गाँव में शाम ढले तारो का स्कूल लगता हैं
और चंदा मामा क्लास लेते है छोटे-बड़े और मोटे मोटे तारों की

इस बार जब तुम आओ तो मेरी लिस्ट का सारा  सामान लेते आना
मैंने तुम्हे बताया नहीं,पर लिस्ट मैं तुम्हरा नाम फर्स्ट नंबर पर है..
हो सके तो प्लीज रह जाओ मेरे घर..
मुझे सच में ज़रूरत है तुम्हारी...
मैं पक्का तुम्हे तंग नहीं करुँगी.

हम बहुत सारी बाते करेंगे... 

चांद का चक्कर !

ये जो तारे ठिठुऱते रहे ठण्ड में रात भर !   ये    सब चांद का चक्कर है !   ये जो आवारा बदल तलाशते रहे घर !   ये   सब...