तू ही इश्क
तू जूनून मेरा
तू ही मेरे
जीने की वज़ह है
रुलाने के लिए
तो बहुत कुछ
है
इस दुनिया मे…
पर तू तो
मेरे हंसने की
वजह है
जब वो सारी
दलीलें देकर चुप
हो जाएगा
तब मैं बोलना
शुरू करूंगा
गर उसे लगती
मेरी चुप्पी बे
वजह है!
पा तो तुझे
लुगा,खुद को खो कर
भी
बस,आजकल ख़फ़ा
मुझसे मेरा खुदा
है!
ज़रा थम सा
गया हूं मैं,पर भूलुंगा
नही तुझे
तू तो मेरी
रग रग में बहता नशा
है!
अभी रात की तरह खामोश
हूँ मैं
सहर होते ही चल दूंगा..
फिर न रुकुंगा,फिर न
थमूंगा
यही शायद उसकी भी रज़ा
है!
1 comment:
Ultimate one...:)
Post a Comment