Saturday, October 13, 2018

एक राह

   








      एक राह है जो मुझसे होकर जाती है
      फिर तुमसे मिलती है!

      बहुत बार भटक जाता हूं
      कुछ नहीं समझ आता है
      फिर कहीं से एक छोटी सी                          
      रोशनी चमकती है!

      एक राह है जो मुझसे होकर जाती है
      फिर तुमसे मिलती है!

       माना मुश्किलें बहुत है 
       रास्ते भी है टेड़े मेढे 
       ज़रा ज़रा सी हिम्मत जुटा कर                     
       फिर से चल देता हूं!

      एक राह है जो मुझसे होकर जाती है
      फिर तुमसे मिलती है!

      मुसाफिर है दिल बंजारा मेरा 
      अब तो मज़िल है खुदा  मेरा
       राह मेरी बंदगी है!

      एक राह है जो मुझसे होकर जाती है
      फिर तुमसे मिलती है!



           

             
              

चांद का चक्कर !

ये जो तारे ठिठुऱते रहे ठण्ड में रात भर !   ये    सब चांद का चक्कर है !   ये जो आवारा बदल तलाशते रहे घर !   ये   सब...